Thursday, 8 August 2013

ईद मुबारक



अगर भूखे को रोटी मिल जाये और प्यासे को पानी
मजलूम को तसल्ली और मजदूर को धेला चवन्नी

तो होती है ईद

अगर बूढ़े को मिल जाये खोयी हुई अपनी जवानी
और बालक को मिल साथी और करने को शैतानी

तो होती है ईद

अगर लालची को मिल जाये पड़ा  चांदी का रुपैया
और इश्क को मिल जाये हुस्न की बिछड़ी कहानी

तो होती हैं ईद

अगर काबिल को मिल जाये इज्ज़त और  मौका
और दरवेश को मिल जाये बस इबादत में रवानी

तो होती है ईद

अगर माँ को बच्चा,बच्चें को मिल जाये खिलौना
बीवी को शौहर और अधेड़ को मिल खोयी जवानी
     
तो होती है ईद


अगर शायर को मिल जाये कोई मजलिस सयानी
और गायक को मिल जाये बस नज्म एक सुहानी


तो होती हैं ईद

अगर तुम हमे गले मिल जाओं आके इस त्यौहार
और जिंदगी को मिल जाये उडान  एक आसमानी


तो होती हैं ईद

Ramkishore  Upadhyay 

No comments:

Post a Comment