*बस जनाब !!
दिल लिया हैं तो जज्बात भी लीजिये ,
बदले हुए दिल के हालात भी लीजिये।
मुद्दतों से नम हैं चश्म तुम्हारी याद में ,
आके अब थाम ये बरसात भी लीजिये ।
करते हैं तस्लीम तुम्हारी दयानतदारी ,
तो फिर वफ़ा की सौगात भी दीजिये ।
नहीं आसान होता बिगड़ी बात बनाना ,
अब नफरत के ख़यालात भी छोडिये ।
बहुत हो गया हैं हुकूमत का मुजाहिरा ,
तो अब हमारी खिदमात भी कीजिये।
लम्बे अरसे तक परखा ये वज़ूद हमारा ,
दिखा अब अपनी औकात भी दीजिये ।
रामकिशोर उपाध्याय
दिल लिया हैं तो जज्बात भी लीजिये ,
बदले हुए दिल के हालात भी लीजिये।
मुद्दतों से नम हैं चश्म तुम्हारी याद में ,
आके अब थाम ये बरसात भी लीजिये ।
करते हैं तस्लीम तुम्हारी दयानतदारी ,
तो फिर वफ़ा की सौगात भी दीजिये ।
नहीं आसान होता बिगड़ी बात बनाना ,
अब नफरत के ख़यालात भी छोडिये ।
बहुत हो गया हैं हुकूमत का मुजाहिरा ,
तो अब हमारी खिदमात भी कीजिये।
लम्बे अरसे तक परखा ये वज़ूद हमारा ,
दिखा अब अपनी औकात भी दीजिये ।
रामकिशोर उपाध्याय
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