Tuesday, 27 August 2013

वोट से लिखना एक नयी कहानी  
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भूखे को रोटी,मिले प्यासे को पानी
यही हैं मेरे देश की विरासत सुहानी

देख रहा बुधिया, सोच रहा जुम्मन
किसको रोटी,वहां ठनी जंग जुबानी

कर्ज़ के डूबा बाप,पैसा नहीं गांठ में  
कुंवारी बैठी बेटी,बीती जाये जवानी

कैसे पढ़े स्कूल,हैं फीस का सवाल
बच्चा करे मजूरी,औरत ढोए पानी

तन पे नहीं कपडा,नहीं सर पे छत
नंगे बदन पड़ती जूती हैं चटकानी  

पंचायत में लगती  कुर्सी की बोली
मदमत्त राजा बोले प्रजा की बानी

कैसे देंगे रोटी ,कहाँ से आवे पैसा
दो में चाय पीये पांच में बिरयानी  

मेहनतकश बुधिया और जुम्मन
वोट से लिखेंगे एक,,नयी कहानी    

रामकिशोर उपाध्याय
२७/८/२०१३ 

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