AAJ KE SAWAL
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के कोई क्या करे न करे अब हाल हैं बेहाल ,
ये जिंदगी फालतू के सवाल खडी करती हैं।
सियासत करना मुश्किल हो रहा है आज,
अब रियाया भूख के सवाल खड़ी करती हैं।
हुस्न और मुहब्बत हैं बीते वक़्त की बात,
के शायरी हुरमत के सवाल खड़ी करती हैं।
रामकिशोर उपाध्याय
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के कोई क्या करे न करे अब हाल हैं बेहाल ,
ये जिंदगी फालतू के सवाल खडी करती हैं।
सियासत करना मुश्किल हो रहा है आज,
अब रियाया भूख के सवाल खड़ी करती हैं।
हुस्न और मुहब्बत हैं बीते वक़्त की बात,
के शायरी हुरमत के सवाल खड़ी करती हैं।
रामकिशोर उपाध्याय
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