Unwaan "Qatil"
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ओ मेहरबां कातिल! तू फरेब से वार ना करना
हूँ जब सज़दे में तेरे मैं, तब कोई देर ना करना
O mehrbaN qatil! tu fareb se vaar na karna
HuN jab sazde me tere maiN, tab koi der na karna
Ramkishore Upadhyay
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ओ मेहरबां कातिल! तू फरेब से वार ना करना
हूँ जब सज़दे में तेरे मैं, तब कोई देर ना करना
O mehrbaN qatil! tu fareb se vaar na karna
HuN jab sazde me tere maiN, tab koi der na karna
Ramkishore Upadhyay
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