सुप्रभात मित्रो,,,बीते रहे इस साल को सलाम ,,,आदाब मेरा ..............
तुम लौट के आना ....
===========
गुजरे हुए लम्हों .....
कभी तुम हसीं लगे
कभी मेरी हंसी ले गए
कभी तुम कसमसायें
कभी तुम मुस्कराएं
कभी तुम दूर जाते लगे
कभी तुम पास आते लगे
पर हमेशा से ही मेरे पास से गुजरे
तुम मेरे गुजरे हुए लम्हों ......
एक मैं ही था नादाँ
एक मैं तो था ही जाहिल
तुम तो हमेशा ही रहे कामिल
अब एक बरस की बात कहूँ
बीते सारे बरसों की दास्ताँ कहूँ
तुम बस मेरे थे
तुम मेरे ही बन के रहना
बेशक तुम बुरे थे
या तुम भले थे
मेरी हर सांस के साथ
आगे भी जुड़े रहना
बस और नही कुछ कहना.......
रामकिशोर उपाध्याय
तुम लौट के आना ....
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गुजरे हुए लम्हों .....
कभी तुम हसीं लगे
कभी मेरी हंसी ले गए
कभी तुम कसमसायें
कभी तुम मुस्कराएं
कभी तुम दूर जाते लगे
कभी तुम पास आते लगे
पर हमेशा से ही मेरे पास से गुजरे
तुम मेरे गुजरे हुए लम्हों ......
एक मैं ही था नादाँ
एक मैं तो था ही जाहिल
तुम तो हमेशा ही रहे कामिल
अब एक बरस की बात कहूँ
बीते सारे बरसों की दास्ताँ कहूँ
तुम बस मेरे थे
तुम मेरे ही बन के रहना
बेशक तुम बुरे थे
या तुम भले थे
मेरी हर सांस के साथ
आगे भी जुड़े रहना
बस और नही कुछ कहना.......
रामकिशोर उपाध्याय
आदरणीय सराहना के लिए हार्दिक आभार -२०१६ की शुभकामनाओ सहित
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