न वादे, न कसमें
न वफ़ा, न जफ़ा
न हम उन्हें बाँध पाए
न वो आज़ाद रह पाए
मिले तो मुकद्दर
न मिले तो खली नहीं तन्हाई
मोहब्बत ने यह ताउम्र
कैसी अज़ीब शर्त निभाई
*
रामकिशोर उपाध्याय
न वफ़ा, न जफ़ा
न हम उन्हें बाँध पाए
न वो आज़ाद रह पाए
मिले तो मुकद्दर
न मिले तो खली नहीं तन्हाई
मोहब्बत ने यह ताउम्र
कैसी अज़ीब शर्त निभाई
*
रामकिशोर उपाध्याय
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