Wednesday, 13 June 2012


भविष्य

पूछते हो क्यों अपना
भविष्य –
वो ना तो लिखा हैं
हाथ की रेखाओं में
ना लिखा हैं
माथे पर पडी लकीरों पर
वो तो कैद हैं
आपके हाथ की मुटठी में-
अगर जोर से मारो तो
पत्थर टूट कर  जलधार बहे
ना मारो तो
हाथ टूटे और भाग्य फूटे ।



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