भविष्य
पूछते
हो क्यों अपना
भविष्य
–
वो
ना तो लिखा हैं
हाथ
की रेखाओं में
ना
लिखा हैं
माथे
पर पडी लकीरों पर
वो
तो कैद हैं
आपके
हाथ की मुटठी में-
अगर
जोर से मारो तो
पत्थर
टूट कर जलधार बहे
ना
मारो तो
हाथ टूटे और भाग्य फूटे
।
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