नई धूप है
नई छाँव है
नए पेड़ पर नई कोंपल है
मेघ भी लेकर आते नया जल है
मगर
रिश्तों की दुनियां में फिर वही काँव -काँव है ..............
*
रामकिशोर उपाध्याय
नई छाँव है
नए पेड़ पर नई कोंपल है
मेघ भी लेकर आते नया जल है
मगर
रिश्तों की दुनियां में फिर वही काँव -काँव है ..............
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रामकिशोर उपाध्याय
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