निष्क्रिय ?
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घर / बाहर के
दुश्मनों से लड़ना सीख लिया
अब .....
न तलवार का वार
न जुबानी जंग
न अश्कों का संग
इर्दगिर्द मचे युगीन
अस्त्रविहीन युद्ध के कोलाहल में
बस
मौन रहता हूँ ....
निष्क्रिय ????
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रामकिशोर उपाध्याय
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घर / बाहर के
दुश्मनों से लड़ना सीख लिया
अब .....
न तलवार का वार
न जुबानी जंग
न अश्कों का संग
इर्दगिर्द मचे युगीन
अस्त्रविहीन युद्ध के कोलाहल में
बस
मौन रहता हूँ ....
निष्क्रिय ????
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रामकिशोर उपाध्याय
तटस्थ रहना ही ठीक ..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया किस किस से लड़ो भिड़ो..कुछ भी तो हासिल नहीं होने वाला
कविता रावत जी ...आप ने कथ्य के मर्म को समझा ...आभार आपका
Deleteरामकिशोर उपाध्याय