समर -2014
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खड़ग --
कुंद हो गयी
वार करते करते
अन्याय के समर में
शत्रु ----------
रक्तबीज जो था
अब वक़्त करवट ले रहा हैं
सेनायें आ जुटी हैं
रणभेरी की प्रतीक्षा हैं
सभी अपने -अपने पांचजन्य, देवदत्त
साफ़ कर रहे हैं
पर कृष्ण अर्जुन के रथ पर हैं नहीं
धृतराष्ट्र भी जमे हैं किसी चेनल पर
विजयी होगा वही
उतरेगा जो स्वर्ग की सीढ़ियों से ----------
अम्बर का वक्षस्थल भेदकर
अवनि के घोर तम के विनाश को
प्रजा के उद्धार को
लेकर जन्म एक अवतार का
वही जो उर में समेटे प्रकाश -पुंज
लडेगा बस युद्ध
छद्म अस्त्रों से नहीं
शुद्ध तर्कों से ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रामकिशोर उपाध्याय
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खड़ग --
कुंद हो गयी
वार करते करते
अन्याय के समर में
शत्रु ----------
रक्तबीज जो था
अब वक़्त करवट ले रहा हैं
सेनायें आ जुटी हैं
रणभेरी की प्रतीक्षा हैं
सभी अपने -अपने पांचजन्य, देवदत्त
साफ़ कर रहे हैं
पर कृष्ण अर्जुन के रथ पर हैं नहीं
धृतराष्ट्र भी जमे हैं किसी चेनल पर
विजयी होगा वही
उतरेगा जो स्वर्ग की सीढ़ियों से ----------
अम्बर का वक्षस्थल भेदकर
अवनि के घोर तम के विनाश को
प्रजा के उद्धार को
लेकर जन्म एक अवतार का
वही जो उर में समेटे प्रकाश -पुंज
लडेगा बस युद्ध
छद्म अस्त्रों से नहीं
शुद्ध तर्कों से ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
रामकिशोर उपाध्याय
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