Wednesday 30 October 2013

















आदतें बदलती कहाँ हैं!
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कल रात 
चाँद 
जब निकला
बड़ा धुंधला था
मैंने उसे साबुन से धो दिया
धवल होकर जब चमका
तारे आसमान छोड़ने की जिद करने लगे ..
सूरज रौशनी देने से मना करने लगा
धरती पर हलचल थम सी गयी
क्या करता ?
फिर धुंधला कर दिया ..........

रामकिशोर उपाध्याय

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