Tuesday, 29 October 2013

आज जब सुबह हुई
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सुबह
जब चिड़िया चहकी
उसके बच्चों ने मुंह खोला
मेरी कलम भी
बिस्तर से उठी
और बोली
आज
मुझे कब दोगे.चुग्गा-दाना ...

रामकिशोर उपाध्याय  

2 comments:

  1. क्या बात है ... ओर ऐसे ही एक नई रचना का उदय हुआ ...

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    1. दिगम्बर नासवा जी , सराहना के लिए धन्यवाद. कृपया स्नेह बनाये रखे.

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