Saturday 27 July 2013


चल बढ़ और देख क्या हैं ये जिंदगी के मसाइल
पहले भी तीन डग में नप चुकी हैं तमाम दुनिया

रामकिशोर उपाध्याय 

2 comments:

  1. बहुत खूब,जो अबूझ दिखता मुझको उसकी तो बस लीला है ।

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  2. आदरणीय मिश्र जी आपका उत्साहवर्धन के लिए आभार

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