मेघ पर हाइकू
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(१)
मेघ भी सजे
आकाश में सलिल
हृदय शुष्क
(२)
झमजम है
घर बाहर पानी
व्याकुल मन
(3)
सरिता रुष्ट
नभ होता विक्षिप्त
मानव त्रस्त
(c)राम किशोर उपाध्याय
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(१)
मेघ भी सजे
आकाश में सलिल
हृदय शुष्क
(२)
झमजम है
घर बाहर पानी
व्याकुल मन
(3)
सरिता रुष्ट
नभ होता विक्षिप्त
मानव त्रस्त
(c)राम किशोर उपाध्याय
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