Sunday, 9 June 2013

UNWAAN 'ARZOO" (2 )

में पेशे खिदमत है दूसरा शेर :

सदियों की आरज़ू में आरिफ़ के जेहन में उभरा एक अक्स
गज़ब हो गया  ईश्वर की जगह महबूब का ही उभरा नक्श

sadiyoN ki aarzo me arif ke jehan me ubhra ek aks
gazab ho gaya Ishwar  ki jagah mahboob ka hi ubhra naksh

राम किशोर उपाध्याय 

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