खुशबू
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ओहदे में हम भले ही ऊँचे नहीं
खुशामद किसी की,,, करते नहीं
गुंचों की तरह शायद खिलते नही
पर खुशबू किसी इत्र से कम नहीं
रामकिशोर उपाध्याय
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ओहदे में हम भले ही ऊँचे नहीं
खुशामद किसी की,,, करते नहीं
गुंचों की तरह शायद खिलते नही
पर खुशबू किसी इत्र से कम नहीं
रामकिशोर उपाध्याय
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