Sunday 16 June 2013

खुशबू
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ओहदे में  हम  भले ही ऊँचे  नहीं
खुशामद किसी की,,, करते नहीं
गुंचों की तरह शायद खिलते नही
पर खुशबू किसी इत्र से कम नहीं

रामकिशोर उपाध्याय 

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