Thursday 8 May 2014

स्मृति का दंश ....


स्मृति का दंश
आत्मा को ऐसे पीड़ित करता है
जैसे कोई कठफोड़वा
अपने स्थायी निवास हेतु
वृक्ष के तने को निरन्तर ठोकता रहता हैं
अपनी नुकीली चोंच से........
रामकिशोर उपाध्याय

2 comments:



  1. स्मृति का दंश
    आत्मा को ऐसे पीड़ित करता है
    जैसे कोई कठफोड़वा
    अपने स्थायी निवास हेतु
    वृक्ष के तने को निरन्तर ठोकता रहता हैं
    अपनी नुकीली चोंच से........

    वाह बहुत सुंदर कविता है
    आदरणीय रामकिशोर उपाध्याय जी

    साधुवाद और मंगलकामनाएं !




    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीय बन्धु, सराहना के लिए ह्रदय से आभार

      Delete