नहा के जब लटों को कुछ ऐसे झटका
निकल आया चाँद था बादलों में अटका
आह से वाह वाह तक कह गए सब कुछ
थी एक जन्नत,,,वो बस था नूर खुदा का
रामकिशोर उपाध्याय
निकल आया चाँद था बादलों में अटका
आह से वाह वाह तक कह गए सब कुछ
थी एक जन्नत,,,वो बस था नूर खुदा का
रामकिशोर उपाध्याय
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