बंद पेटी में पीडा-----------------------
पीडाके
पिंजरे में मन का कैदी,
बार -बार उड़ान भरता
और पंख कटाकर पुनः लौट आता ,
पीडाके
पिंजरे में मन का कैदी,
बार -बार उड़ान भरता
और पंख कटाकर पुनः लौट आता ,
पिंजरे की तीलियाँ
फौलाद की नहीं
लकड़ी की अशक्त
परन्तु मन पर सशक्त
फौलाद की नहीं
लकड़ी की अशक्त
परन्तु मन पर सशक्त
मन कैद
स्वतंत्रता के बाद
जैसे वोट देने के बाद
मतदाता
बंद मतपेटी में ..........
स्वतंत्रता के बाद
जैसे वोट देने के बाद
मतदाता
बंद मतपेटी में ..........
रामकिशोर उपाध्याय
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