Sunday, 29 September 2013

बंद पेटी में पीडा-----------------------


पीडाके
पिंजरे में मन का कैदी,
बार -बार उड़ान भरता
और पंख कटाकर पुनः लौट आता ,

पिंजरे की तीलियाँ 
फौलाद की नहीं 
लकड़ी की अशक्त
परन्तु मन पर सशक्त 

मन कैद
स्वतंत्रता के बाद 
जैसे वोट देने के बाद 
मतदाता
बंद मतपेटी में ..........

रामकिशोर उपाध्याय

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