Wednesday 3 June 2020

सेनिटाइजर
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फटी चादर ओढ़े
पांव भी लंबे -लंबे
बिल्कुल गवारों जैसे लिए
अरे ये तो आ गए राजमहल के निकट
न मुंह पर डिज़ाइनर मास्क
न लिनेन की कमीज
न पेंट पहनने की तमीज
अमीरों की उतरन की गठरी सर पर रखे
कौन हैं ये आदमी विकट
क्या कोरोना का इलाज मांग रहें हैं ?
उन्हें कह दो अभी शोध जारी है
अगले लॉकडाउन की तैयारी है

नहीं मालिक !!
ये आदमी नहीं ,आदमी के भूत हैं
उन्हीं आदमियों के
जो ट्रेन से कटकर
जो  भूख से सड़कर
जो प्यास से तड़पकर
मर गए थे ,,आज
सिके हुए पांव के  तलुवे लेकर
अपनी बिखरी  हुई रोटियां मांगने आये हैं

कह दो ये अब केस प्रोपर्टी हैं
फैसला होने तक रिलीज नहीं होंगी

मालिक! फिलहाल इन्हें
सेनिटाइजर दे दिया है
वैसे भी ये आदमी नहीं,,, भूत हैं
अब ये कोरोना की तरह अदृश्य हो जाएंगे
वैसे सारे जिंदा लोग
अपने मनपसंद सीरियल देख रहें हैं
आप म्युनिस्पैलिटी का चुनाव  जीत रहे हैं
अब आराम से सो जाएं,
कल वरचुल रैली भी है
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रामकिशोर उपाध्याय

1 comment:

  1. वर्तमान का सुन्दर और मार्मिक चित्रण।

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