लम्बी सुरंग ------
जीवन
में कभी कभी
लगता हैं
कि घुप्प अँधेरा
लील जायेगा
अन्तकरण के उजास को भी
तभी एक चाहत अनमनी सी
जगती हैं
कि कोई आकर थाम ले
बस एक ऊँगली
जब हो उजाले
तो अंधेरों से शिकायत न हो
और उजाला कभी भी
दूर नहीं होता
लम्बी सुरंग के पार भी दिखता हैं
और अपने पास भी
चाहे कोई तो
अपनी उँगलियों के पोरुओं से देख ले............
शर्त एक ही हैं
आपके नाखून ना बहुत बढे हो.........
रामकिशोर उपाध्याय
जीवन
में कभी कभी
लगता हैं
कि घुप्प अँधेरा
लील जायेगा
अन्तकरण के उजास को भी
तभी एक चाहत अनमनी सी
जगती हैं
कि कोई आकर थाम ले
बस एक ऊँगली
जब हो उजाले
तो अंधेरों से शिकायत न हो
और उजाला कभी भी
दूर नहीं होता
लम्बी सुरंग के पार भी दिखता हैं
और अपने पास भी
चाहे कोई तो
अपनी उँगलियों के पोरुओं से देख ले............
शर्त एक ही हैं
आपके नाखून ना बहुत बढे हो.........
रामकिशोर उपाध्याय
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