Sunday, 5 January 2014



मित्रो,नव वर्ष 2014 का हम स्वागत करते हैं.....कुछ इस तरह से
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के बीती बाते बीत चुकी हैं अब इन्हें भुलाया जाये ,
बाहर खड़े जो पल सुहाने अंदर उन्हें बुलाया जाये.

कल छप्पर मेरा उड़ गया तेज पवन के झोंकों से ,
आज लपक कर तिनको से फिर नीड बनाया जाये.

कहीं बीते साल के सपने सिर्फ रह ना जाये सपने,
सच्ची मेहनत से अपनी इनको सच बनाया जाये.

किसी माँ की आंख से आंसू ना कभी गिरने पाए,
कभी बच्चा बनकर किलकारी से उसे हंसाया जाये.

गुजरा हुआ वक़्त आता नहीं दोबारा,जानते हैं सब,
फिर नए साल में यादों का जश्न खूब मनाया जाये.

Ramkishore Upadhyay
31-12-2013

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