जय अम्बे माँ , जय अम्बे माँ
जहाँ तू माँ, वहां दुःख हैं कहाँ
जय अम्बे माँ ---
अपरम्पार शक्ति का पुंज हैं माँ,
उर में आनंद का अवलंब है माँ
जय अम्बे माँ---
तोड़ती हैं तू अभिमान अज्ञानी का माँ
बांधती तू ज्ञान सेतु अभिलाषी का माँ
जय अम्बे माँ--
ह्रदय में बहती तेरी रसधार माँ
जिव्हा करती तेरी जयकार माँ
जय अम्बे माँ--
खील चढ़ाता , करता तेरा गुणगान माँ
शीश नवाता , करता तेरा सम्मान माँ
जय अम्बे माँ---
sundar vandana ram kishor ji .........jai ma jagdambe
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