अंतिम घड़ी में
पिता ने पुत्र को निकट बुलाया
एक पुड़िया देते हुए कहा
पुत्र, इसे संभालकर रखना
यह हमारे पूर्वजों की निशानी है
पुत्र ने जेब में रखना चाहा
पिता ने सोचा कि वह पुत्र को टोके
पुत्र एक बार इसे खोलकर तो देखे ?
पुत्र अंतिम संस्कार तक रुका
फिर खोलकर देखा
पुड़िया तो खाली है
परन्तु उसमे तीन अक्षर लिखे थे
जिनमे पूरा ब्रह्माण्ड समाया
अनमोल अक्षर थे
'समय'
हां समय ......|
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रामकिशोर उपाध्याय
बहुत सही
ReplyDeleteसमय से बढ़कर कुछ नहीं ....
कविता रावत जी ..सराहना के लिए ह्रदय से आभार ..
Deleteरामकिशोर उपाध्याय
बढ़िया लेखन व रचनाएँ , धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
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आशीष भाई जी सराहना के लिए ह्रदय से धन्यवाद ...
Deleteआ. रूपचन्द्र शास्त्री जी रचना को सम्मान देने के लिए ह्रदय से आभार ..
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