एक नया लुक
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जिंदगी वही
जिंदगी की किताब वही
पुराने पन्ने वक्त की मार खाकर
बस फटने से लगते है ...
अगर किताब को न संभाले हम कहीं
ऊपर का आवरण
पुराने पन्ने के ऊपर बस थम जाए वही
पर हर रोज पुरानी जिंदगी जीने का नया सपना हो सही
फिर जिंदगी का कोई नया बुत तामीर मैं क्यों करूँगा
उस पुराने बुत में रोज नए रंग भरूँगा
और उसको अपनी किताब के
पहले पन्ने पर अपने सुहाने अहसासों से चस्पा कर दूंगा ...
और जिंदगी की किताब को मिल जायेगा
नया एक लुक ....
***
रामकिशोर उपाध्याय
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जिंदगी वही
जिंदगी की किताब वही
पुराने पन्ने वक्त की मार खाकर
बस फटने से लगते है ...
अगर किताब को न संभाले हम कहीं
ऊपर का आवरण
पुराने पन्ने के ऊपर बस थम जाए वही
पर हर रोज पुरानी जिंदगी जीने का नया सपना हो सही
फिर जिंदगी का कोई नया बुत तामीर मैं क्यों करूँगा
उस पुराने बुत में रोज नए रंग भरूँगा
और उसको अपनी किताब के
पहले पन्ने पर अपने सुहाने अहसासों से चस्पा कर दूंगा ...
और जिंदगी की किताब को मिल जायेगा
नया एक लुक ....
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रामकिशोर उपाध्याय
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