Tuesday, 9 May 2017

जिंदगी

......................................................जिंदगी 
कुछ उजास सी 
कुछ बिंदास सी 
मगर....बिन तेरे 
गुजरी उदास ही 
यह अनबुझी प्यास सी............जिंदगी
 *
रामकिशोर उपाध्याय

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