Mera avyakta
Friday, 25 October 2013
एक मुक्तक
जंगल उजाड़ हुए शजर सब कट गए,
पत्थर थे लोग पत्थर के घर बन गए.
मिलन हो कैसे तुम खडी हो उस पार,
जो थे जहाज लकड़ी के सब जल गए.
रामकिशोर उपाध्याय
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14 hours ago
Vishwajeet Sapan
,
Dinesh Dave
,
Chanchala Inchulkar Soni
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Adarshini Srivastava
badhiya
14 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
आ. Adarshini Srivastava जी शुक्रिया
14 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
आ.किशन साध जी शक्रिया
14 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
आ.पियूष उपाध्याय आभार
14 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
आ.कुलदीप शर्मा आगोश जी शुक्रिया
14 hours ago
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सुरेन्द्र नवल
प्रकृति संरक्षण से व्यथित हृदय के भावों को आपने बहुत सहज ढंग से अपनी इस प्रस्तुति में प्रकट किया है रामकिशोर जी... बधाई आपको... सादर वंदे...
13 hours ago
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कवि राज बुन्दॆली
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क्या बात है,,,,,रचना हेतु ,,,और मंच के दो वर्ष पूर्ण होनॆ पर,आपको ,कॊटि-कॊटि,बधाइयाँ,,,,,
13 hours ago
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Chhaya Shukla
bdhai ho
Ramkishore Upadhyay
ji
13 hours ago
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Gp Pareek
wah ati uttam nice one upadhyaay bhaiji.
11 hours ago
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Shashi Singh
मिलन हो कैसे तुम खडी हो उस पार,
जो थे जहाज लकड़ी के सब जल गए.........waahhhhhhhh kitani khoobsoorat aur gahari baat aapne kahi hai, bahut khoob.....aapki lekhani likhati nahin balki bolti hai, badhaai aapko, saadar naman.........
11 hours ago
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Sia Kumar
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क्या चित्रित किया है आपने सुन्दर भावों से सजी इन पंक्तियों के लिए आपको बहुत बहुत बधाई
Ramkishore Upadhyay
जी ...सादर वंदे
11 hours ago
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Chanchala Inchulkar Soni
waaaaaah bhaut sundar saarthak rachana..bahu badhai ...saadar vande
11 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
आ.सुरेन्द्र नवल जी सराहना के लिए बहुत बहुत आभार
10 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
छाया शुक्ल जी आभार
10 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
Gp Pareek
जी आभार
10 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
शशि सिंह जी आपके शब्दों ने अभिभूत कर दिया ,,,नमन
10 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
सिया कुमार जी आपका ह्रदयतल से आभार
10 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
Chanchala Inchulkar Soni जी शुक्रिया
10 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
कवि राज बुन्दॆली जी सादर आभार
10 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
आ. अनूप भदानी जी शुक्रिया ..
9 hours ago
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Dinesh Dave
वाह
9 hours ago
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Vinita Surana
वाह ! बहुत खूब ....सुन्दर मुक्तक
8 hours ago
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Triloki Mohan Purohit
भाई साहब ! बहुत खूब । हमें तो आनंद आगया परंतु जनाब ! किसी ने दिल पर ले लिया तो गज़ब हो जाएगा। खुदा खैर करे, बधाई ।
8 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
Dinesh Dave
ji shukriya
7 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
Vinita Surana
ji shukriya
7 hours ago
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Ramkishore Upadhyay
Triloki Mohan Purohit
ji shukriya ,,,Bahi saheb agar koi dil pe lele main nahi aap jimmedar honge...hahahahah
7 hours ago
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Vishwajeet Sapan
बहुत सुन्दर और ग़ज़ब का मुक्तक। वाह्ह्हह्ह भई वाह्ह्ह्ह। बहुत बढ़िया और सुन्दर बात कही आपने इस रचना में। बहुत-बहुत बधाई आपको।
10 minutes ago
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Ramkishore Upadhyay
Vishwajeet Sapan जी सराहना के लिए धन्यवाद. आप जैसा साहित्यकार जब प्रशंसा के शब्द लिखता हैं तो लगता हैं कि मन को पंख लग गए हो... नमन
about a minute ago
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