Mera avyakta
Tuesday, 9 July 2013
बाहर बारिश हो रही हैं
बादल ने गरज कर आज ये क्या कर दिया
अनछुई देह को अग्नि में स्वाहा कर दिया
होंठ सिल गए और दिल धक धक करने लगा
इल्जाम बस आँखों के नाम चस्पा कर दिया
Ramkishore Upadhyay
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment