Mera avyakta
Saturday, 27 July 2013
चल बढ़ और देख क्या हैं ये जिंदगी के मसाइल
पहले भी तीन डग में नप चुकी हैं तमाम दुनिया
रामकिशोर उपाध्याय
2 comments:
देवेंद्र
27 July 2013 at 23:33
बहुत खूब,जो अबूझ दिखता मुझको उसकी तो बस लीला है ।
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मेरा अव्यक्त --राम किशोर उपाध्याय
28 July 2013 at 06:09
आदरणीय मिश्र जी आपका उत्साहवर्धन के लिए आभार
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बहुत खूब,जो अबूझ दिखता मुझको उसकी तो बस लीला है ।
ReplyDeleteआदरणीय मिश्र जी आपका उत्साहवर्धन के लिए आभार
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