Sunday, 2 June 2013


दिल की शिकायत
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दिल ने मासूम सी शिकायत  दर्ज कराई 
जब पलके आंसुओं का बोझ न उठा पाई

बैठे रहे तेरी रहगुजर पे निगाहे लगाये
हम उम्रदराज हुए, मगर तुम नहीं आई

सितम कम हुए और यादों ने दी दस्तक
फिर भी जेहन ने तुझे आवाज ना लगाई

दिल के जज्बातो को लेकर जाये कहाँ
हर कोई पूछता ये जवानी कहाँ गँवाई

सफर जिन्दगी का चलता रहा यूँ बस 
कुछ ने की तारीफ़े, किसी ने की बुराई

(C)रामकिशोर उपाध्याय       

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