दिल की शिकायत
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दिल ने मासूम सी शिकायत दर्ज कराई
जब पलके आंसुओं का बोझ न उठा पाई
बैठे रहे तेरी रहगुजर पे निगाहे लगाये
हम उम्रदराज हुए, मगर तुम नहीं आई
सितम कम हुए और यादों ने दी दस्तक
फिर भी जेहन ने तुझे आवाज ना लगाई
हर कोई पूछता ये जवानी कहाँ गँवाई
सफर जिन्दगी का चलता रहा यूँ बस
कुछ ने की तारीफ़े, किसी ने की बुराई
(C)रामकिशोर उपाध्याय
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