Friday, 29 March 2013

आयेगी वो फिर



स्याह रात में वही सुहाना मंजर आता है ,
हर तरफ उनका अहसास नज़र  आता है,
खुली हो जुल्फे वहां तब शज़र लहराता है,
आयेगी वो जरुर बस ख्वाब बतलाता है।

राम किशोर उपाध्याय
 30-03-2013

No comments:

Post a Comment