प्रेम का अटूट बंधन
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ख़त लिखे
और रोज लिखे तुमको -----
ख़त लिखने के भाव मात्र से
तुम्हारी देह की गंध
मन मस्तिष्क को घेर लेती/ करती सम्मोहित
जिससे भूल जाता ---ख़त पोस्ट करना .........
जबकि तुम सोचती हो
कि कुछ ढीले पड़ गए बंधन
प्रिये ! शरीर के तन्तु शिथिल हो सकते
किन्तु प्रेम - बंधन तो.......?
***
रामकिशोर उपाध्याय
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ख़त लिखे
और रोज लिखे तुमको -----
ख़त लिखने के भाव मात्र से
तुम्हारी देह की गंध
मन मस्तिष्क को घेर लेती/ करती सम्मोहित
जिससे भूल जाता ---ख़त पोस्ट करना .........
जबकि तुम सोचती हो
कि कुछ ढीले पड़ गए बंधन
प्रिये ! शरीर के तन्तु शिथिल हो सकते
किन्तु प्रेम - बंधन तो.......?
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रामकिशोर उपाध्याय
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