Monday, 11 November 2013




जीवन पथ 
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जीवन पथ 
बड़ा ही
सपाट ....
बड़ा ही
सीधा सरल ....
बस बीच-बीच में
कुछ गहरे गड्ढे
कुछ प्यारे -प्यारे मोड़ ............
कहीं बचते-बचाते चलते
कुछ को पार कर जाते
कुछ को जाते छोड़ ................

रामकिशोर उपाध्याय

2 comments:

  1. जीवन के खेल को लिख दिया चंद पंक्तियों में ... बहुत खूब ...

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  2. सराहना के लिए धन्यवाद, दिगम्बर नासवा जी ..

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