Mera avyakta
Tuesday, 6 August 2013
के दौलतमंद भी होते,
गर हम बेईमान होते।
कामयाब हम पूरे होते,
गर मक्कार थोड़े होते।
हम भी ताजदार होते,
गर लोग कुचले होते।
रामकिशोर उपाध्याय
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