एक शब्द 'प्रेम'---------ढाई अक्षर का
भावों में माणिक,सरल और सुघड़ सा
हैं वैसे,,,,,,,,कई प्रकार
फैले,,, तो नहीं वारापार
कोई इश्क मजाज़ी करता
कोई इश्क में रब नू लबता
कोई हीर की आंख में खोजता
कोई रांझे की पीर में जा ढूंढता
कोई कहीं भी दौडले,कही भागले
बन्दे बस तू खुद से इश्क,,करले
रामकिशोर उपाध्याय
अनुपमा पाठक जी सराहना के लिये धन्यवाद।
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