Mera avyakta
Sunday, 21 July 2013
भ्रम
उन्वान
' इबादत'
" मैं ,,,,,हूँ,,,,ना'
बुत पे टिकी थी आँखे इबादत में उसकी
लोग समझे कोई नींद उडा गयी उसकी
रामकिशोर उपाध्याय
2 comments:
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
21 July 2013 at 08:24
बढ़िया अशआर!
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मेरा अव्यक्त --राम किशोर उपाध्याय
21 July 2013 at 10:06
Shastri Ji, naman aur abhar.
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बढ़िया अशआर!
ReplyDeleteShastri Ji, naman aur abhar.
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