Mera avyakta
Saturday, 8 June 2013
शुभ रात्रि
जज्बात के ज्वार में बहकर एक हो गयी दो रूहें
जैसे चन्दा उतर गया हो समंदर में होले -होले
राम किशोर उपाध्याय
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