Thursday, 13 June 2013

लघु कवितायेँ


लघु कवितायेँ

अर्थ
 इसके बिना सब व्यर्थ
पर करता जरुर अनर्थ ...........

मुद्रा -
प्राप्त होते ही
बदल जाती व्यक्ति की मुद्रा--

आशा
मिटा देती निराशा
जन्म दे जाती जीने की अभिलाषा ......

अनिल
मछली भी विकल
ना  हो तो बस अनल ही अनल ..........

दर्प
का एक भाई
कंदर्प ..............

राम किशोर उपाध्याय



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