उन्वान ' आरजू'
इन हसीनाओं की आरजू और जुस्तजू में क्या रखा है
मस्त रहो अपने में,इन फालतू ख्यालों में क्या रखा है.
in haseenaoN ki arjoo aur justju me kya rakha hai
mast raho apne me,in faltu khayaloN me kya rakha
(C ) रामकिशोर उपाध्याय
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