Mera avyakta
Wednesday, 19 June 2013
वो हर रात अपने अल्फाज को तकिये के नीचे रखता
और सुबह बाज़ार में सिक्कों के बदले चलाने लगता
रामकिशोर उपाध्याय
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment