उन्वान 'सजदा' पोस्ट -1 ---' मैं हूँ ना '
मेरा सजदा नहीं है महज़ अदब का एक मुजाहिरा
आप तौकीर के काबिल हो,मैं अदना सा जो ठहरा
mera sazada nahi hai mahaj adab ka ek mujahira
aap tauquir ke qabil homai adna sa jo thahra
' सजदा' पोस्ट -२
बाद सजदे के नज़रे उठी तो हम,,,फ़रेफ्ता हो गए
पहले सर झुकाते थे कई जगह अब तौहीद हो गए
bad sazde ke nazre uthi to ham farefta ho gaye
pahle sar jhukate the kai jagah ab to tauhid ho gaye
रामकिशोर उपाध्याय
No comments:
Post a Comment