उन्वान - 'परछाई '
जहाँ जाऊ वही चले मेरी परछाई
कभी सजन लगती ,कभी हरजाई
कभी होती छोटी,कभी बढे लम्बाई
पर कहते है दुःख में करे बेवफाई
रामकिशोर उपाध्याय
जहाँ जाऊ वही चले मेरी परछाई
कभी सजन लगती ,कभी हरजाई
कभी होती छोटी,कभी बढे लम्बाई
पर कहते है दुःख में करे बेवफाई
रामकिशोर उपाध्याय
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