Tuesday, 30 April 2013

!!!! चांदी की थाली में सोने का चंदा !!!


चांदी की थाली में सोने का चंदा 
दूर से सैय्य़ा फैंक है मोपे फंदा

सहेली दे ताना मै  हुई बावरिया
दिल उसे बेच आई कैसे मै मंदा

भाई करे शक, बाप  है परेशान
गली  में घूमें पीछे मेरे वो बंदा

बहन करे जलन,माँ देती घुड़की
वो कभी कहे रानी  कभी रम्भा

मेरे दिल की हालत वो ही जाने
डोले प्रेम नगरिया तज के निंदा

अपनी इस चाहत में  लुट गई हूँ
देकर अपना सबकुछ भला चंगा

दिन में देखूं सपने,जागू रात में
तोड्दू पिंजरा और उडा दूँ परिंदा  


चांदी की थाली में सोने का चंदा 
दूर से सैय्य़ा फैंक है मोपे फंदा

राम किशोर उपाध्याय 

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