tag:blogger.com,1999:blog-403696676053795641.post73068039767065484..comments2023-09-27T08:38:30.305-07:00Comments on Mera avyakta: ' बस एक पेटपाल 'मेरा अव्यक्त --राम किशोर उपाध्यायhttp://www.blogger.com/profile/00080083797613486257noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-403696676053795641.post-27125086026939930752012-02-01T21:55:09.836-08:002012-02-01T21:55:09.836-08:00शानदार बयान!
करुण विम्बों के साथ सत्य का ताना बाना...शानदार बयान!<br />करुण विम्बों के साथ सत्य का ताना बाना बुनती कविता!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-403696676053795641.post-62314285726076268192012-01-25T08:56:46.807-08:002012-01-25T08:56:46.807-08:00धन्यवाद जयविन्द जीधन्यवाद जयविन्द जीमेरा अव्यक्त --राम किशोर उपाध्यायhttps://www.blogger.com/profile/00080083797613486257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-403696676053795641.post-33581877332528660242012-01-25T03:57:38.486-08:002012-01-25T03:57:38.486-08:00बहुत सुंदर कबिता । जमाने से देखते हुए और वर्षों स...बहुत सुंदर कबिता । जमाने से देखते हुए और वर्षों से झूठे वादे की कड़वी खुराक खाकर ये बूढ़ी आँखें अब और सपने देखने को तैयार नहीं है । हकीकत को वयान करती ये कबिता निराला जी की 'भिक्षुक ' की याद दिला रहीं हैं ।सुंदर कबिता के लिए बधाई ।Jaibind Kumar Singhhttps://www.blogger.com/profile/04405526447017794390noreply@blogger.com