Friday 10 August 2018

आत्म बोध

जन्म से मरण तक की सीढ़ियों के उसपार
शून्य से आरंभ और शून्य की ओर उन्मुख यह देह का आकार
खोज रहा है सदैव सत्य को
मैं ही नहीं
सन्यासी भी ...
अपनी तपस्या में
कवि .भी ..............
अपनी नवयौवना कल्पना में ,शिल्प में
लेखक ..
अपने गद्य में ..गल्प में
दार्शनिक ..
मर्मभेदी तर्क की कसौटी पर
वैज्ञानिक ..
निरीक्षण ,परीक्षण व अन्वेषण की जद्दोजहद में
क्या वह  मिलेगा .......
पीड़ित की दर्द भरी चीत्कार में
कबेले की सर्द सीत्कार  में
या ...
ध्रुव पर पेंग्विन की मस्त चाल में
या आगंतुक की पदचाप में
जो सुन रही है विरहणी टकटकी बांधे
या कोठे पर बजते घुंघरू में
चीत्कार ,सीत्कार ,पदचाप ,घुंघरू  ही
क्यों बनते हैं सत्य की अभिव्यक्ति .............
सत्य को खोजा सभी ने
क्या कोई  अंतर में बजते नाद में स्वयं को सुन पाया
कोई इसे खोज ले ,,,'
क्योंकि स्वयं की  खोज ही ...........सत्य की खोज है .......
*
रामकिशोर उपाध्याय


4 comments:

  1. सत्य की खोज के प्रति एक सत्य को ही उजागर करती बहुत खूबसूरत पर गहन रचना। वाह।

    ReplyDelete
  2. आदरणीय सराहना के लिये हृदय से आभार

    ReplyDelete
  3. A love song is a song about romantic love, falling in love, heartbreak after a breakup, and the feelings that these experiences bring. A comprehensive list of even the best known performers and composers of love songs would be a large order. For watch latest Romantic songs view this video https://www.youtube.com/watch?v=4KbU9BVcq54

    ReplyDelete