Monday 30 December 2013

परिचय /पहचान
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परिचय पवन का ....
उड़ते सूखे पत्ते और गुजरती आँधियां
खुशबू का अस्तित्व.....
उपवन के मध्य में अलौकिक अनुभूति
स्पर्श का प्रभाव .....
किसी पुष्प से हाथ मिला लेना
इतने अनभिज्ञ तो नहीं हैं आप !
फिर क्यों हो उत्सुक मेरी पहचान के 
मैं वही हाड-मांस का मिटटी का एक पुतला
धूप में जलता श्रमिक,
अपने लक्ष्य की यात्रा पर पथिक
समय से सीख लेता प्रशिक्षु
और व्यथित चितेरा.....
जीवन के रंगों का जिन्हें लेखनी से बिखेरा
एक प्रश्न ...अगर प्रेम करते हो ?
कभी आंखे मीची होगी
वो अंतर्मन में महकती गंध
और स्निग्ध स्पर्श का अनुभव
वही सूक्ष्म,जितना स्थूल ..
‘मैं’ ही तो हूँ ......

रामकिशोर उपाध्याय

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